पत्नी अपने पति को अपना सुहाग मानती है। शादी की पहली रात स्त्री अपने सुहाग के लिए खुद को समर्पित कर देती है। शादी की पहली रात सुहाग यानी पति को हक मिलता है। यह ऐसा ही जैसे हम महिला दिवस पर सभी महिलाओं को समर्पित हो जाते है। अतः सुहागरात के दिन स्त्री अपने पति के लिए समर्पित हो जाती है।
हमारी हिन्दू संस्कृति के अनुसार सुहागरात का अर्थ होता है दो दिलों का मिलन। दो लोग मिलकर के एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं। यह दांपत्य जीवन जीने की पहली सीढ़ी होती है। शादी से लेकर अगले दो महीने तक दोनो जोड़े नए-नए सपने देखते हैं और इस दाम्पत्य जीवन को अधिक से अधिक सुखमय बनाने का प्रयास करते हैं। इस दाम्पत्य जीवन की शुरुआत को लोग अनेक अर्थ लगाते हैं। लेकिन यह एक जीवन जीने की कला है। जिससे एक दूसरे को सोचने-समझने मिलने का मौका मिलता है। मेरे अनुसार इसे प्यार से करना चाहिए। लोगों को आज से प्रेम और विश्वास जीतने के लिए प्रण करना चाहिए। लोगों के बहकावे में न आ करके अपने विश्वास की जड़ इतनी मजबूत कर लेनी चाहिए कि वह सात जन्मों तक न टूटे।
सुहागरात को अंग्रेजी में हनीमून व हिंदी में मधु चंद्रिका कहते हैं । Honeymoon शब्द आजकल कहीं बाहर रहकर छुट्टी मनाने के रूप में प्रचलित हो गया है वैसे भी Honeymoon का रिवाज हमारी संस्कृति में नहीं है। शादी की पहली रात को हम सुहागरात मानते हैं लेकिन विदेशों में तो लोग इससे पहले ही कई बार अपना मुँह काला कर चुके होते हैं। विवाह तो एक रस्म है जिसे हिन्दू धर्म में पाणिग्रहण संस्कार बोलते हैं, लेकिन ईसाई लोग इसे मैरिज कहते हैं जो चर्च में पूरी होती है। जहाँ सात जन्म का कोई चक्कर नहीं होता । इस जन्म की भी गारंटी नहीं है कि साथ रहेंगे या नहीं।
विवाह के बाद पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन की प्रारम्भ या यों कहें प्रथम मिलन की शुरुआत को मधुयामिनी या सुहागरात कहते हैं। साधारणतया सुहागरात का तात्पर्य स्त्री-पुरुष के प्रथम मिलन से लगाया जाता है। परन्तु जीवन की सबसे महत्वपूर्ण रात को मिलन तक ही मान लेना अनुचित होगा। क्योंकि यह दोनों के नवजीवन की प्रथम रात होती है जिसमें एक दूसरे से बात करने में झिझक व घबराहट भी होती है। इसीलिए इसका यही अर्थ है कि इसमें दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझें, आपसी बातचीत द्वारा तालमेल बनायें, जिससे झिझक समाप्त हो सके। एक दूसरे के विश्वास और प्यार को अर्जित करने का भरपूर प्रयास करें। क्योंकि जीवन की सबसे प्रमुख रात ताउम्र याद रहता है। इससे आगे की बात आप समझ लेना सारी चीजें हम यहां नहीं लिख सकते।
सुहागरात का रहस्य क्या है? (Secret of Honeymoon)
इसमें रहस्य कुछ भी नहीं है, बस लोग इसे गलत तरीके से पेश करते हैै। जिससे हमारे समाज में यह रहस्य जैसी चीज बन गयी है। आसान भाषा में समझें तो यह दो दिलों को जोड़ने की एक पवित्र रात है। सुहागरात का मतलब किसी गन्दी सोच से नहीं है यह तो एक पवित्र रिश्ता जोड़ने की शुरुआत है। इसलिए आप आपने जिंदगी की शुरूआत सोच समझकर कर करें। उतावलापन को रोकें और एक दूसरे को समझें।
शादी की पहली रात को सुहागरात क्यों बोलते हैं? (Why do we say 'Suhagrat' on the first night of marriage?)
सुहाग + रात का मतलब होता है ? सुहाग मतलब पति और रात का मतलब अंधकार। यानि स्त्री अब रात में अकेले नहीं पति के साथ में रहना चाहती है। शादी की पहली रात पति से मिलना मतलब सुहाग से मिलना होता है, इसलिए इसे सुहागरात कहा जाता है।
सुहागरात कैसे मनाते हैं ? (How do we celebrate honeymoon?)
सुहागरात का सही अर्थ कोई ठीक से नहीं बताता है कि यह क्यों मनाई जाती है। सुहागरात का मतलब है शादी की वह पहली रात जब पति-पत्नी एक दूसरे से मिलते हैं। हमारे हिन्दू समाज में सुहागरात वाले विषय पर अधिक चर्चा कोई नहीं करता है। इस विषय पर चर्चा न होने का कारण है रात की वह क्रिया जो सभी लोग रात यानि अँधेरे में छुपकर करते हैं।
जब स्त्री अपने पति को अपने हाथ से दूध पिलाती है तो पति के शरीर में जोश और गर्माहट आ जाता है, और फिर दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं। सुहागरात के समय ऐसा करने पर उनके बीच रोमांस बढ़ता है और दोनों उसका आनंद लेते है।
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शादी के पहले दिन रात को क्या होता है ? (What happens on the night before the wedding?)
पति-पत्नी शादी के पहले दिन रात को एक दूसरे से दिल खोलकर बात करतें हैं। लेकिन यह सब रात के अँधेरे में होता है जहां उन दोनों के सिवा कोई नहीं होता। इस मिलन की घडी में एक दूसरे को समझने का मौका मिलता है।
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