अब कोरोना के चाचा भतीजा और मौसी को जिंदा किया जा रहा है
पूरी दुनिया में कुछ लोग अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए नए-नए हथकंडे अपना हैं। आज से 2 साल पहले कोरोना नाम के वायरस का एक भ्रामक प्रचार चीन से शुरू हुआ और वह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया। एक ऐसा भ्रामक प्रचार फैला की पूरी मीडिया टीम इस प्रचार के पीछे लग गई। मीडिया टीम ने अपना पूरा दमखम लगा दिया। लोग बीमारी से तो कम मरे लेकिन मीडिया द्वारा फैलाये अफवाह और डर से काफी लोग गुजर गए। मुझे याद है जब टीवी देखते-देखते मेरा साँस फूलने लगता था। मीडिया लोगों के दिमाग को भ्रमित करने का एक बहुत बड़ा जरिया बन गया है। कहीं से भी एक छोटी सी न्यूज़ अगर लीक होती है तो देश की मीडिया उसको बढ़ा चढ़ाकर इस तरह प्रस्तुत करते हैं की लोग भ्रम के शिकार हो जाते हैं। जब हमारे देश में कोरोना की भयानक स्थिति थी, जिसमें लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी जोर शोर से चल रही थी। लोगों को लगता था की ऑक्सीजन का सिलेंडर हमारी जान बचा सकता है, लेकिन दूसरी तरफ शहर से दूर किसी गांव में जाकर अगर उस समय कोई पता करता तो किसी भी गांव में शायद ही किसी व्यक्ति को सिलेंडर की जरूरत पड़ी होगी। अभी हालात यह है कि एक वेरिएंट गया नहीं कि दूसरा वेरिएंट बनाकर प्रस्तुत कर देते हैं। कुछ लोग इस तरह के भ्रामक प्रचार फैलाकर अपनी अच्छी खासी मोटी कमाई करते हैं। जिसे पब्लिक समझ नहीं पाती है। हमने गांव में देखा था कि लोग शादियों में बिना मास्क के व्यस्त थे तो दूसरी तरफ शहर में लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए परेशान थे। यह ऐसा खेल चल रहा था जिसे समझ पाना आज के लोगों के लिए बड़ा मुश्किल है। बार-बार कोरोनावायरस रूपी इस चिंगारी को हवा देकर उसके चाचा, भतीजा, काका, नाना, मौसी का नाम देकर पैदा किया जा रहा है ताकि फिर से कुछ लोग अपनी मोटी कमाई कर सकें।
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