एक मार्मिक घटना (सभी एक बार जरूर पढ़ें)
फोन की घंटी बजी - ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग
मोनू ने उठाया -
मोनू : हेलो ?
दादी : हेलो ! कौन बोल रहा है ?
मोनू : दादी ! मैं मोनू बोल रहा हूँ।
दादी : बेटा ! पापा को फोन देना।
मोनू : पापा दादी का फोन आया है।
मोनू का पापा अंकित : बोल दो पापा अभी ऑफिस जा रहे हैं। शाम को बात करेंगे।
मोनू : दादी ! पापा अभी ऑफिस जा रहे हैं। शाम को आपसे बात करेंगे।
दादी : ठीक है बेटा।
शाम ७ बजे -
फोन की घंटी बजी - ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग
मोनू : हेलो ?
दादी : हेलो ! क्या हाल है बेटा। तेरे पापा कहाँ हैं ?
मोनू : वो अभी खाना खा रहे हैं।
दादी : उनसे बोलो तेरे दादाजी दो दिन से खा रहे हैं।
मोनू : पापा दादी का फोन है।
मोनू के पापा : हाँ ! ममी बोल क्या हुआ ?
माँ : तेरे पापा दो दिन से खा रहे हैं।
अंकित : ठीक है माँ ! मैं व्हाट्सप कर देता हूँ उनको। वो खाना खा लेंगे न ! आप टेंसन क्यों लेते हो।
अगले दिन -
फोन की घंटी बजी - ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग
माँ : हेलो ! बेटा अंकित
अंकित : हाँ ! माँ बोल।
माँ : बेटा ! तेरे पापा ने अभी भी खाना नहीं खाया ?
अंकित : माँ ! ठीक है मैं दुबारा व्हाट्सअप कर देता हूँ उनको।
माँ : बेटा ! उनकी तबियत ख़राब है और तू व्हाट्सप किये जा रहा है।
अंकित : माँ ! मैं जरूर आता अगर मेरे पास टाइम होता।
माँ : ठीक है बेटा ! तू तो व्हाट्सप से काम चला रहा है। लेकिन याद रखना जब तेरा बेटा sms करेगा।
दोस्तों ! आज हमारे पास हमारे अपनों के लिए टाइम नहीं है लेकिन याद रखना जब आप का बेटा sms करेगा कि पापा मेरे पास टाइम नहीं है।
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