मैं उत्तर प्रदेश के एक गाँव में रहता हूँ और यहाँ कोरोना का कोई नामोनिशान नहीं है। कोरोना गाँवो में क्यों नहीं है ? क्योंकि गांवों में मीडिया नहीं है और नहीं लोग कोरोना को एक बीमारी मानते हैं और नहीं कोई जाँच करवाने जाता है। कुछ लोग अपने फायदे के लिए कोरोना को एक हथियार बना लिए हैं। और वह लोग चाहते हैं कि हिंदुस्तान तरक्की न कर पाए, इसलिए बार-बार कोरोना को बड़े पैमाने पर देश और दुनिया में प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
यह भास्कर की न्यूज है "देश में शुक्रवार को 3 लाख 37 हजार 704 नए कोरोना संक्रमित मिले और इसी दौरान 2.42 लाख लोग ठीक हुए। तो भाई कौन सी ऐसी बीमारी है जो 3 लाख लोगों को होता है और 2.5 लाख लोग ठीक भी हो जाते है। यह एक हौवा नहीं तो और क्या है। देश के किसी भी मीडिया को ऐसा न्यूज नहीं चलाना चाहिए जिससे लोगों में डर और दहशत फैले। कोई भी मीडिया वाला ऐसा नहीं दिखाता है कि आज इतने लाख लोग ठीक हुए और इतने लोग संक्रमित हैं और जो संक्रमित हैं वह घर पर हैं या हॉस्पिटल में। बीमार वह है जो या तो हॉस्पिटल में भर्ती है या फिर इलाज करवा रहा है। आकड़े बता करके देश में दहशत फैलाया जा है। लोगों की नौकरी चली गयी, लोग बेरोजगार हैं। अब कितना पब्लिक को लुटोगे।
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