Jul 3, 2024

कौन हैं साकार हरि बाबा | कैसे मचा सत्संग में भगदड़

  Digital Dunia       Jul 3, 2024

उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बहुत ही दर्दनाक और ह्रदय विदारक घटना घटी है। यह घटना मंगलवार को लगभग साढ़े तीन बजे घटा । इस घटना मुख्य नायक हैं साकार हरि बाबा। यहाँ पर साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था और बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष उनका प्रवचन सुन रहे थे। उनका प्रवचन लगभग पौने दो बजे खत्म हुआ उसके बाद बाबा के अनुयायी पंडाल से बाहर आने लगे । तभी भक्तो को बाबा की गाड़ी रोड पर खड़ी दिखी और लोग उनके पैरों की धूली लगाने के लिए गाड़ी की तरफ दौड़े और फिर भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 120 लोगों की मौत हो चुकी है। इतने बड़े हादसे के बाद लोग जानना चाहते हैं कि साकार हरि बाबा कौन हैं। भक्त जिनके दीवाने होकर उनकी कथा सुनने गए थे। आइए जानते हैं बाबा साकार हरि कौन हैं –


साकार हरि उर्फ भोले बाबा का मूल नाम सूरज पाल सिंह है। बाबा जिला कासगंज के पटयाली के रहने वाले हैं। वह 17 साल पहले पुलिस कांस्टेबल की नौकरी करते थे। फिर उस नौकरी को छोड़कर सत्संग करने लगे। इसके बाद उनका नाम सूरज पाल बदलकर साकार हरि हो गया। भक्त उन्हें भोले बाबा बुलाते हैं। धीरे धीरे बाबा का वर्चस्व इतना बढ़ गया कि गरीब और वंचित तबके के लोग इनको अपना आराध्य मानने लगे । थोड़े समय में ही इनके लाखों की संख्या में भक्त बन गए। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त बाबा का सत्संग मध्य प्रदेश और राजस्थान होने लगा ।

बाबा मानव सेवा का सबको देते हैं संदेश

साकार हरि बाबा सभी भक्तो को मानव सेवा करने का संदेश देते हैं। अधिकांश सत्संगो में बाबा लोगों से यही कहते हैं कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सत्संग में आने से रोग और शोक सब मिट जाते हैं, यहाँ आने से मन शुद्ध होता है, यहां पर किसी से कोई भेदभाव नहीं होता, न कोई दान-दक्षिणा और नहीं कोई पाखंड। यहाँ पर दावा करते हैं यहाँ सर्व धर्म समभाव है यहीं ब्रह्मलोक है, यहीं पर स्वर्ग लोक भी है।

साकार हरि बाबा का शाही सूट-बूट

इस बाबा के बारे में लोग कहते हैं कि यह बाबा पहले यूपी पुलिस में दरोगा थे। कुछ लोग इन्हें आईबी से जुड़ा बताते हैं। इसीलिए लोग बताते हैं कि बाबा को पुलिस के तौर-तरीकों का अच्छे से पता हैं। इनके पास वर्दी धारी स्वयंसेकों की बड़ी फौज है। यह बाबा आम साधु-संतों की तरह सफ़ेद धोती-कुर्ता या गेरुआ नहीं धारण करते हैं। अधिकांश वह महंगे चश्मा, सफेद पैंटशर्ट इत्यादि पहनते हैं। अपने सत्संगो में बाबा पाखंड का विरोध करते हैं। लेकिन बाबा के शिष्यों में बड़ी संख्या में समाज के हाशिए वाले, गरीब, दलित आदि शामिल हैं। इन सभी लोगो को बाबा का पहनावा और रूप बड़ा अच्छा लगता है

बाबा का मीडिया से दूरी


साकार हरि बाबा के प्रोग्राम में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस बाबा के शिष्य अपनी ही मस्ती में रमे रहते हैं। इसी वजह से यह बाबा मीडिया दूरी बनाये रखते हैं। बात यह है कि बाबा के सत्संग करने के तौर-तरीके आम संतों से बिल्कुल अलग होते हैं इसलिए ये लोग यह नहीं चाहते कि इस पर कोई किसी भी प्रकार की टीका-टिप्पणी करे

कहाँ स्थित है बाबा का आश्रम

साकार हरि बाबा यानि भोले बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुरनगर गांव में स्थित है। यह उनका पैतृक यानि पुश्तैनी गांव है। साकार हरि बाबा का बहादुर नगर में 30 एकड़ एक बहुत बड़ा आलिशान आश्रम है। इस आश्रम में पहले प्रत्येक मंगलवार को सत्संग होता था, लेकिन अब कुछ वर्षों से यह परंपरा बंद है।

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